HTML
HTML (HyperText Markup Language) वेब पेज और वेब एप्लिकेशन बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली एक मानक मार्कअप भाषा है। यह इंटरनेट पर सामग्री को संरचित और प्रदर्शित करने के लिए प्राथमिक भाषा है। HTML का उपयोग वेब पेज के विभिन्न तत्वों जैसे हेडिंग, पैराग्राफ, इमेज, लिंक, और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को परिभाषित करने के लिए किया जाता है।
HTML के मुख्य तत्व:-
1. हाइपरटेक्स्ट (HyperText):
इसका मतलब है कि आप एक दस्तावेज़ से दूसरे दस्तावेज़ पर लिंक कर सकते हैं। हाइपरलिंक का उपयोग करके वेबसाइटों के बीच नेविगेशन संभव होता है।
2. मार्कअप भाषा (Markup Language):
HTML एक मार्कअप भाषा है जो टैग्स (<tags>) का उपयोग करके दस्तावेज़ की संरचना को परिभाषित करती है। उदाहरण: <html>, <head>, <body>, आदि।
HTML की विशेषताएँ:-
HTML वेब विकास की नींव है। यह वेब पेज के ढांचे को तैयार करता है, जिसे CSS और JavaScript के माध्यम से स्टाइल और फंक्शनलिटी दी जाती है।
एचटीएमएल (HTML – HyperText Markup Language) एक वेब पेज और वेब एप्लिकेशन के निर्माण के लिए बुनियादी भाषा है। इसका महत्व निम्नलिखित कारणों से है:
1. वेब पेज का आधारभूत ढांचा
HTML किसी भी वेब पेज की संरचना (structure) प्रदान करता है। यह बताता है कि सामग्री जैसे टेक्स्ट, इमेज, वीडियो आदि को पेज पर कैसे व्यवस्थित किया जाए।
2. हाइपरलिंकिंग की सुविधा
HTML की मदद से विभिन्न वेब पेजों को आपस में जोड़ने (link) की सुविधा मिलती है, जिससे उपयोगकर्ता इंटरनेट पर विभिन्न पेजों तक पहुंच सकते हैं।
3. ब्राउज़र समर्थन
सभी प्रमुख ब्राउज़र (जैसे Chrome, Firefox, Safari) HTML को समझते हैं और इसे सही तरीके से रेंडर करते हैं।
4. मल्टीमीडिया इंटीग्रेशन
HTML में इमेज, वीडियो, ऑडियो, और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को शामिल करना आसान है।
5. उत्तरदायी (Responsive) डिज़ाइन:
HTML के तत्व और अन्य तकनीकों (जैसे CSS और JavaScript) के साथ मिलकर, यह सुनिश्चित करता है कि वेबसाइट विभिन्न डिवाइसों (जैसे मोबाइल, टैबलेट, और डेस्कटॉप) पर सही तरीके से दिखाई दे।
6. सीखने में सरल और उपयोग में आसान:
HTML कोड लिखना और समझना आसान है। यह शुरुआती और अनुभवी डेवलपर्स दोनों के लिए उपयुक्त है।
7. अन्य तकनीकों के साथ संगतता
HTML अन्य तकनीकों जैसे CSS (डिज़ाइन) और JavaScript (कार्यात्मकता) के साथ मिलकर वेब पेजों को अधिक आकर्षक और इंटरेक्टिव बनाता है।
8. डिवाइस अनुकूलता:
HTML5 ने आधुनिक उपकरणों जैसे मोबाइल और टैबलेट के लिए समर्थन बढ़ा दिया है।
9. खुला मानक (Open Standard)
HTML एक ओपन वेब तकनीक है, जिसे W3C (World Wide Web Consortium) द्वारा नियमित रूप से अपडेट और मानकीकृत किया जाता है।
HTML का महत्व इस बात में निहित है कि यह इंटरनेट पर जानकारी साझा करने का मूलभूत साधन है और सभी प्रकार की वेबसाइटों और वेब एप्लिकेशनों की नींव है।
HTML का एक साधारण उदाहरण
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HTML के मुख्य संस्करण और उनका विकास
HTML ने समय के साथ विभिन्न संस्करणों के माध्यम से सुधार किया है, ताकि यह आधुनिक वेब के बढ़ते मानकों और आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
HTML के संस्करण
1. HTML 1.0 (1991):
यह HTML का पहला संस्करण था, जिसमें केवल बुनियादी टैग्स और संरचना थी।
HTML 1.0, HTML का सबसे पहला संस्करण था, जिसे 1993 में टिम बर्नर्स-ली द्वारा पेश किया गया था। यह वेब पेज के लिए बुनियादी ढांचे के रूप में कार्य करता था। उस समय, यह बहुत सीमित सुविधाओं के साथ आया था और मुख्य रूप से टेक्स्ट और हाइपरलिंक को वेब पेज पर दिखाने के लिए उपयोग किया जाता था।
HTML 1.0 की मुख्य विशेषताएं:
1. सरल संरचना
HTML 1.0 में बहुत ही सीमित टैग थे। यह केवल टेक्स्ट फॉर्मेटिंग (जैसे हेडिंग, पैराग्राफ), लिंक्स और लिस्ट बनाने की सुविधा प्रदान करता था।
2. हाइपरलिंकिंग की सुविधा
वेब पेजों के बीच नेविगेशन के लिए हाइपरलिंक का उपयोग संभव था, जिससे एक पेज से दूसरे पेज पर जाना आसान हुआ।
3. स्टैटिक वेब पेज
HTML 1.0 केवल स्टैटिक वेब पेज बनाने में सक्षम था। इसमें डायनामिक कंटेंट या स्क्रिप्टिंग की कोई सुविधा नहीं थी।
4. मल्टीमीडिया सपोर्ट की कमी
HTML 1.0 में इमेज, ऑडियो, और वीडियो जैसी मल्टीमीडिया सामग्री को शामिल करने का समर्थन नहीं था।
5. सीमित ब्राउज़र समर्थन
HTML 1.0 का समर्थन केवल शुरुआती वेब ब्राउज़र जैसे Mosaic द्वारा किया गया था।
6. लेआउट नियंत्रण का अभाव
इसमें लेआउट और डिज़ाइन को नियंत्रित करने की क्षमता नहीं थी। सभी सामग्री साधारण टेक्स्ट के रूप में प्रदर्शित होती थी।
सीमाएं:
कोई CSS और JavaScript का समर्थन नहीं था।इंटरएक्टिव फीचर्स का अभाव।
आधुनिक वेबसाइट बनाने के लिए आवश्यक कई सुविधाएं अनुपलब्ध थीं।
उपयोग का क्षेत्र:
HTML 1.0 का उपयोग मुख्य रूप से शैक्षणिक संस्थानों और शोधकर्ताओं द्वारा सूचनाओं को साझा करने और जोड़ने के लिए किया गया था।
HTML 1.0 ने वेब विकास की शुरुआत की नींव रखी। समय के साथ, इसमें कई सुधार हुए और इसे HTML 2.0, 3.2, 4.0, और अंततः HTML5 जैसे आधुनिक संस्करणों तक विकसित किया गया।
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2. HTML 2.0 (1995):
इसमें फॉर्म्स और अन्य मूलभूत सुविधाओं को जोड़ा गया। यह वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) द्वारा मानकीकृत किया गया।
HTML 2.0, HTML का दूसरा संस्करण है, जिसे नवंबर 1995 में IETF (Internet Engineering Task Force) द्वारा मानकीकृत किया गया था। यह HTML 1.0 का उन्नत संस्करण था और शुरुआती इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया था।
HTML 2.0 की मुख्य विशेषताएं:
1. HTML 1.0 के फीचर्स का विस्तार
HTML 2.0 ने HTML 1.0 की सभी विशेषताओं को शामिल किया और उनमें सुधार किया।
2. फॉर्म का परिचय
HTML 2.0 में फ़ॉर्म टैग जोड़ा गया, जिससे उपयोगकर्ता डेटा को सर्वर पर भेज सकते थे।
Input टैग: टेक्स्ट बॉक्स, चेकबॉक्स, रेडियो बटन आदि।
इसने ऑनलाइन इंटरएक्टिविटी की नींव रखी।
3. मल्टीमीडिया समर्थन (आंशिक)
HTML 2.0 ने कुछ हद तक इमेज सपोर्ट प्रदान किया (जैसे <img> टैग), लेकिन ऑडियो और वीडियो का सीधे समर्थन नहीं था।
4. टेबल्स का समर्थन
HTML 2.0 में टेबल्स का उपयोग करके डेटा को व्यवस्थित तरीके से प्रदर्शित करने की सुविधा दी गई।
5. यूजर इंटरफ़ेस में सुधार
लिस्ट्स (जैसे ऑर्डर्ड और अनऑर्डर्ड लिस्ट) को बेहतर ढंग से व्यवस्थित किया गया।
6. मल्टी-ब्राउज़र समर्थन
HTML 2.0 का समर्थन कई ब्राउज़रों (जैसे Netscape Navigator और Internet Explorer) द्वारा किया गया, जिससे इसकी लोकप्रियता बढ़ी।
7. डॉक्यूमेंट की संरचना के लिए मानकीकरण
HTML 2.0 ने वेब डॉक्यूमेंट्स के लिए एक स्थिर संरचना (डॉक्यूमेंट टाइप डिक्लेरेशन या DOCTYPE) प्रदान की।
HTML 2.0 में नई विशेषताएं:
<form>: डेटा एंट्री के लिए।
<input>: टेक्स्ट, बटन, पासवर्ड आदि।
<textarea>: मल्टीलाइन टेक्स्ट इनपुट।
<select>: ड्रॉपडाउन मेनू।
<img>: इमेज जोड़ने के लिए।
<table>: डेटा टेबल्स के लिए।
सीमाएं:
1. CSS और JavaScript का समर्थन अभी भी उपलब्ध नहीं था।
2. मल्टीमीडिया कंटेंट (जैसे ऑडियो और वीडियो) के लिए पूर्ण समर्थन का अभाव था।
3. वेब पेज डिज़ाइन के लिए सीमित नियंत्रण।
महत्व:
HTML 2.0 ने इंटरनेट को इंटरैक्टिव और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया। यह वेब डेवलपमेंट में फॉर्म्स और डेटा एंट्री जैसी बुनियादी सुविधाओं को पेश करने के लिए महत्वपूर्ण था।
HTML 2.0 ने वेब विकास की नींव को और मजबूत किया और इसके बाद HTML 3.2 और HTML 4.0 जैसे अधिक उन्नत संस्करणों का मार्ग प्रशस्त किया।
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HTML 3.2 (1997)
HTML 3.2, HTML का एक महत्वपूर्ण संस्करण था जिसे जनवरी 1997 में W3C (World Wide Web Consortium) द्वारा मानकीकृत किया गया। यह HTML के विकास में एक बड़ा कदम था और इसे आधुनिक वेब डिजाइन के शुरुआती प्रयासों के रूप में देखा जाता है। इस संस्करण में कई नई विशेषताएं जोड़ी गईं, जो वेब पेजों को अधिक इंटरएक्टिव और आकर्षक बनाने में मददगार थीं।
HTML 3.2 की मुख्य विशेषताएं:-
1. CSS (Cascading Style Sheets) का समर्थन
HTML 3.2 में पहली बार CSS का उपयोग करने की अनुमति दी गई, जिससे वेब पेज डिजाइन अधिक आकर्षक और कस्टमाइजेबल बन सके।
हालांकि CSS का उपयोग सीमित था, फिर भी यह डिज़ाइन नियंत्रण में एक बड़ा सुधार था।
2. स्क्रिप्टिंग (JavaScript)समर्थन :-
HTML 3.2 में JavaScript को जोड़ा गया, जिससे वेब पेजों में इंटरएक्टिविटी संभव हो सकी।
JavaScript का उपयोग फॉर्म वेलिडेशन और अन्य इंटरएक्टिव फीचर्स के लिए किया जा सकता था।
3. टेबल्स का उन्नत उपयोग
HTML 3.2 में टेबल्स को लेआउट डिज़ाइन के लिए उपयोग करना संभव हुआ।
यह डेटा प्रदर्शित करने के साथ-साथ पेज के लेआउट को नियंत्रित करने में भी सहायक था।
4. इमेज और मल्टीमीडिया सुधार :
इमेज एलिमेंट (<img>) के लिए बेहतर सुविधाएं, जैसे कि एलाइनमेंट और स्पेसिंग, जोड़ी गईं।
<applet> टैग का परिचय दिया गया, जिससे जावा एप्पलेट्स को पेज में एम्बेड करना संभव हुआ।
5. फॉर्म सुधार :-
इनपुट फील्ड्स में सुधार किया गया और नई विशेषताएं जोड़ी गईं, जैसे ड्रॉपडाउन मेनू और चेकबॉक्स।
6. फोंट और टेक्स्ट कंट्रोल :-
<font> टैग पेश किया गया, जिससे टेक्स्ट का रंग, साइज और फोंट स्टाइल बदलना संभव हुआ।
टेक्स्ट का एलाइनमेंट और स्टाइलिंग आसान हो गया।
7. ब्राउज़र समर्थन में सुधार :-
HTML 3.2 को Netscape Navigator और Internet Explorer जैसे प्रमुख ब्राउज़रों द्वारा समर्थित किया गया।
नई टैग और एट्रिब्यूट्स
1. टैग्स:
<font>: टेक्स्ट के फॉन्ट, रंग और आकार को नियंत्रित करने के लिए।
<applet>: जावा एप्पलेट्स को एम्बेड करने के लिए।
<sub> और <sup>: सबस्क्रिप्ट और सुपरस्क्रिप्ट टेक्स्ट के लिए।
2. एट्रिब्यूट्स:
Align: इमेज और टेक्स्ट को सही तरीके से संरेखित करने के लिए।
Bgcolor: बैकग्राउंड का रंग बदलने के लिए।
Width और Height: इमेज और टेबल की माप निर्धारित करने के लिए।
सीमाएं
1. HTML 3.2 में अभी भी मल्टीमीडिया (जैसे वीडियो और ऑडियो) के लिए पूर्ण समर्थन नहीं था।
2. <font> और अन्य टैग्स के माध्यम से डिजाइनिंग करना जटिल और सीमित था।
3. CSS के सीमित उपयोग के कारण डिजाइनिंग में उतनी लचीलापन नहीं थी।
महत्व
HTML 3.2 ने वेब डिजाइन और विकास को अगले स्तर पर ले जाने में मदद की।
यह पहला संस्करण था जिसने स्टाइलिंग और इंटरएक्टिविटी को प्राथमिकता दी।
HTML 3.2 ने आधुनिक वेब डेवलपमेंट के लिए मार्ग प्रशस्त किया और HTML 4.0 जैसे और भी उन्नत संस्करणों की नींव रखी।
HTML 3.2 का उपयोग
यह संस्करण विशेष रूप से उन वेबसाइटों के लिए उपयोगी था जो बेहतर लेआउट, बेसिक इंटरएक्टिविटी और स्टाइलिंग के साथ बनाए गए थे।
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HTML 4 (1997)
HTML 4, HTML का एक महत्वपूर्ण और उन्नत संस्करण था, जिसे W3C (World Wide Web Consortium) द्वारा दिसंबर 1997 में प्रकाशित किया गया। यह वेब विकास में एक बड़ा मील का पत्थर था, क्योंकि इसमें वेब पेजों को अधिक संगठित, इंटरएक्टिव, और एक्सेसिबल बनाने के लिए कई नई विशेषताएं और सुधार जोड़े गए।
HTML 4 के संस्करण
HTML 4 में तीन उप-प्रकार शामिल थे:
1. Strict: केवल मानक HTML टैग्स और संरचना का उपयोग; इसमें पुराने टैग्स (deprecated elements) को शामिल करने की अनुमति नहीं थी।
2. Transitional: पुराने और नए दोनों टैग्स के लिए समर्थन; डिज़ाइनरों और डेवलपर्स को पुराने HTML 3.2 से अपग्रेड करने का समय दिया।
3. Frameset: फ्रेम आधारित लेआउट के लिए।
HTML 4 की मुख्य विशेषताएं
1. CSS (Cascading Style Sheets) का पूर्ण समर्थन
HTML 4 ने CSS को पूरी तरह से अपनाया, जिससे डिज़ाइन और लेआउट नियंत्रण HTML से हटकर CSS में स्थानांतरित हो गया।
यह वेब पेजों को अधिक लचीला और स्टाइलिश बनाने में मददगार था।
2. मल्टीमीडिया सामग्री का समर्थन
इमेज, वीडियो और ऑडियो को अधिक प्रभावी तरीके से वेब पेजों में एम्बेड करना संभव हुआ।
<object> टैग ने मल्टीमीडिया और एम्बेडेड कंटेंट को जोड़ने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान किया।
3. एक्सेसिबिलिटी में सुधार
HTML 4 ने Accessibility Guidelines को अपनाया, जिससे विकलांग उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइटों को अधिक उपयोगी बनाया जा सके।
ARIA (Accessible Rich Internet Applications) के लिए प्रारंभिक समर्थन।
4. इंटरनेशनलाइजेशन
अलग-अलग भाषाओं और लिपियों के लिए समर्थन प्रदान किया गया।
Unicode (UTF-8) का उपयोग किया गया, जिससे विभिन्न भाषाओं के लिए कंटेंट लिखना आसान हुआ।
5. फॉर्म में सुधार
नए इनपुट प्रकार और एट्रिब्यूट्स जैसे <label> और <fieldset> ने फॉर्म को अधिक इंटरएक्टिव और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया।
फॉर्म डेटा को संगठित करने और एक्सेस करने में मदद।
6. फ्रेम और नेविगेशन का उपयोग
<frameset> और <iframe> टैग्स पेश किए गए, जिससे वेब पेजों में फ्रेम का उपयोग करके अलग-अलग हिस्सों को लोड किया जा सकता था।
7. स्क्रिप्टिंग और DOM
HTML 4 ने JavaScript और Document Object Model (DOM) का समर्थन किया, जिससे वेब पेजों को अधिक इंटरएक्टिव और डायनामिक बनाया जा सका।
8. डॉक्यूमेंट का संगठन
<div> और <span> टैग्स पेश किए गए, जिससे पेज के कंटेंट को बेहतर तरीके से संरचित और स्टाइल किया जा सका।
नई टैग्स और एट्रिब्यूट्स
1. नई टैग्स:
<div>: ब्लॉक लेवल कंटेनर के लिए।
<span>: इनलाइन कंटेनर के लिए।
<label>: फॉर्म इनपुट के लिए लेबल।
<iframe>: फ्रेम्स के लिए।
<abbr> और <acronym>: शॉर्ट फॉर्म के लिए।
<object>: मल्टीमीडिया और अन्य एम्बेडेड कंटेंट के लिए।
2. नई एट्रिब्यूट्स:
id: किसी भी HTML एलिमेंट की पहचान के लिए।
class: CSS और JavaScript के साथ काम करने के लिए।
title: अतिरिक्त जानकारी देने के लिए।
style: इनलाइन स्टाइल जोड़ने के लिए।
सीमाएं
1. HTML 4 अभी भी पूरी तरह से डायनामिक वेब पेज निर्माण के लिए पर्याप्त नहीं था।
2. <frameset> और अन्य टैग्स ने SEO और उपयोगकर्ता अनुभव में समस्याएं पैदा कीं।
3. मल्टीमीडिया को संभालने के लिए अभी भी प्लगइन्स (जैसे Flash) की आवश्यकता थी।
महत्व
HTML 4 ने वेब विकास को एक नई दिशा दी:
CSS और JavaScript के साथ अधिक संगतता।
वेब पेजों को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और इंटरएक्टिव बनाया।
आधुनिक वेब डिज़ाइन की नींव रखी।
HTML 4 का उपयोग और विरासत
HTML 4 का उपयोग 1997 से लेकर 2014 तक व्यापक रूप से हुआ, जब HTML5 ने इसे रिप्लेस किया।
यह पहला संस्करण था जिसने आधुनिक वेब के लिए एक मानक सेट किया और कई वर्षों तक उद्योग का प्रमुख HTML संस्करण बना रहा।
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एचटीएमएल 4 और 4.01 के मुख्य बिंदु
HTML 4 का पहला संस्करण दिसंबर 1997 में प्रकाशित हुआ था। इसे HTML 4.0 कहा गया।
इसके बाद इसमें कुछ सुधार और संशोधन किए गए, और HTML 4.01 को 24 दिसंबर 1999 को प्रकाशित किया गया।
संक्षेप में:
HTML 4.0: दिसंबर 1997 में जारी।
HTML 4.01: दिसंबर 1999 में संशोधित और मानकीकृत।
HTML 4.01, HTML 4 का अंतिम और स्थिर संस्करण था और कई वर्षों तक मानक के रूप में उपयोग में रहा।
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HTML 4.01 (1999)
HTML 4.01, HTML 4 का एक संशोधित और स्थिर संस्करण है, जिसे W3C (World Wide Web Consortium) द्वारा 24 दिसंबर 1999 को प्रकाशित किया गया। यह HTML 4.0 के छोटे-मोटे बग्स और असंगतियों को सुधारने के लिए पेश किया गया था और इसे लंबे समय तक वेब विकास के लिए मानक के रूप में इस्तेमाल किया गया।
HTML 4.01 के प्रकार
HTML 4.01 के तीन डॉक्यूमेंट टाइप (DOCTYPE) थे, जो इसकी संरचना और उपयोग को नियंत्रित करते थे:
1. Strict (सख्त):
यह आधुनिक और स्वच्छ HTML कोडिंग के लिए डिज़ाइन किया गया था।
इसमें पुराने और अप्रचलित (deprecated) टैग्स या एट्रिब्यूट्स का उपयोग अनुमति नहीं थी।
CSS का उपयोग डिज़ाइन और स्टाइलिंग के लिए प्रोत्साहित किया गया।
2. Transitional (अंतरिम):
यह पुराने HTML टैग्स और एट्रिब्यूट्स का समर्थन करता था।
यह उन डेवलपर्स के लिए उपयोगी था जो पुराने HTML 3.2 से HTML 4.01 पर माइग्रेट कर रहे थे।
3. Frameset (फ्रेमसेट):
यह फ्रेम आधारित वेब पेज बनाने के लिए उपयोग किया गया।
फ्रेम का उपयोग वेब पेज को कई हिस्सों में विभाजित करने के लिए किया गया।
HTML 4.01 की मुख्य विशेषताएं
1. CSS का व्यापक उपयोग
HTML 4.01 ने डिज़ाइन और लेआउट को नियंत्रित करने के लिए CSS का समर्थन किया।
यह HTML कोड को सरल और अधिक पठनीय बनाने में मददगार था।
2. फॉर्म सुधार
<label> टैग को बेहतर तरीके से सपोर्ट किया गया।
<fieldset> और <legend> का उपयोग फॉर्म को और अधिक संगठित करने के लिए किया गया।
3. मल्टीमीडिया और एम्बेडेड कंटेंट
<object> टैग का समर्थन, जो मल्टीमीडिया और प्लगइन्स (जैसे Flash) को जोड़ने के लिए उपयोगी था।
4. अंतर्राष्ट्रीयकरण (Internationalization)
UTF-8 सपोर्ट को मजबूत किया गया, जिससे विभिन्न भाषाओं और लिपियों में कंटेंट लिखना और प्रदर्शित करना आसान हो गया।
5. एक्सेसिबिलिटी में सुधार
स्क्रीन रीडर्स और अन्य सहायक तकनीकों के लिए वेब पेजों को अधिक सुलभ बनाने के लिए नए टैग और एट्रिब्यूट्स जोड़े गए
6. Deprecated और Obsolete टैग्स को स्पष्ट किया गया
HTML 4.01 ने उन टैग्स और एट्रिब्यूट्स को चिन्हित किया जो पुराने हो चुके थे और भविष्य में उपयोग नहीं किए जाने चाहिए।
उदाहरण: <font> टैग को CSS के उपयोग से बदलने का सुझाव दिया गया।
7. ब्राउज़र समर्थन में सुधार
HTML 4.01 ने प्रमुख ब्राउज़रों (जैसे Internet Explorer, Netscape Navigator) के साथ बेहतर संगतता प्रदान की।
नई टैग्स और एट्रिब्यूट्स
1. टैग्स:
<iframe>: वेब पेज में अन्य HTML पेज एम्बेड करने के लिए।
<abbr>: शॉर्ट फॉर्म या अब्रिविएशन को दर्शाने के लिए।
<fieldset> और <legend>: फॉर्म इनपुट्स को समूहबद्ध करने के लिए।
2. एट्रिब्यूट्स:
id: किसी HTML एलिमेंट की विशिष्ट पहचान के लिए।
class: CSS और JavaScript के साथ काम करने के लिए।
title: अतिरिक्त जानकारी प्रदान करने के लिए।
style: इनलाइन स्टाइल जोड़ने के लिए।
सीमाएं
1. डायनामिक कंटेंट को संभालने के लिए HTML 4.01 को JavaScript या अन्य तकनीकों पर निर्भर रहना पड़ता था।
2. मल्टीमीडिया सपोर्ट अभी भी प्लगइन्स (जैसे Flash) पर आधारित था।
3. <frameset> और <frame> टैग्स ने SEO और उपयोगकर्ता अनुभव को प्रभावित किया।
महत्व
HTML 4.01 ने वेब विकास में स्थिरता और संगतता लाई।
CSS और JavaScript के साथ गहरी संगतता ने आधुनिक वेब विकास की नींव रखी।
एक्सेसिबिलिटी और अंतर्राष्ट्रीयकरण में सुधार ने इसे वैश्विक मानक बना दिया।
HTML 4.01 का उपयोग और विरासत
HTML 4.01 लगभग 15 वर्षों तक मानक के रूप में उपयोग में रहा।
इसके बाद HTML5 ने इसे रिप्लेस किया, जो आधुनिक वेब विकास के लिए और अधिक उन्नत सुविधाएं प्रदान करता है।
HTML 4.01 ने वेब विकास की नींव को मजबूत किया और आधुनिक वेब डिज़ाइन और इंटरएक्टिविटी के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
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XHTML( 2000 )
XHTML (Extensible HyperText Markup Language) HTML और XML (Extensible Markup Language) का संयोजन है। इसे HTML की सख्त और मानकीकृत रूपरेखा प्रदान करने के लिए 26 जनवरी 2000 को W3C (World Wide Web Consortium) द्वारा प्रकाशित किया गया था। XHTML ने HTML के लचीलेपन और XML की संरचनात्मक सख्ती को मिलाकर वेब विकास को एक नया आयाम दिया।
XHTML का विकास: क्यों आवश्यकता पड़ी?
1. HTML की सीमाएं:
HTML 4.01 ने वेब पेज बनाने में सरलता दी, लेकिन इसकी लचीली प्रकृति के कारण डेवलपर्स ने कई बार खराब और असंगत कोड लिखे।
2. XML का बढ़ता उपयोग:
XML को डेटा स्टोरेज और ट्रांसफर के लिए व्यापक रूप से अपनाया जा रहा था। XHTML ने HTML को XML के अनुरूप बनाया।
3. ब्राउज़र संगतता:
XHTML ने सुनिश्चित किया कि सभी ब्राउज़र एक वेब पेज को एक ही तरीके से प्रदर्शित करें।
XHTML की विशेषताएं
XHTML HTML की तुलना में अधिक सख्त और संरचित है। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. सख्त सिंटैक्स नियम:
XHTML में कोड लिखते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य है:
लोअरकेस टैग्स: सभी टैग्स को लोअरकेस में लिखना अनिवार्य है।
उदाहरण: <html> सही है, जबकि <HTML> गलत।
टैग का सही समापन: हर टैग को बंद करना जरूरी है।
उदाहरण: <br /> या <img src=”image.jpg” />।
सही नेस्टिंग: टैग्स को सही क्रम में खोलना और बंद करना चाहिए।
उदाहरण:
<p><strong>टेक्स्ट</strong></p> <!– सही –>
<p><strong>टेक्स्ट</p></strong> <!– गलत –>
एट्रिब्यूट मान: सभी एट्रिब्यूट्स को क्वोटेशन मार्क्स के साथ लिखना अनिवार्य है।
उदाहरण: <input type=”text” />।
2. XML के साथ संगतता:
XHTML XML पर आधारित है, इसलिए इसे XML प्रोसेसिंग टूल्स द्वारा आसानी से पार्स और संसाधित किया जा सकता है।
3. ब्राउज़र और डिवाइस संगतता:
XHTML के सख्त नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि वेब पेज सभी ब्राउज़रों और डिवाइसों पर एक समान दिखाई दें।
4. फ्यूचर-प्रूफ:
XHTML को भविष्य के वेब अनुप्रयोगों और तकनीकों के साथ संगतता के लिए डिज़ाइन किया गया।
XHTML के संस्करण
XHTML के तीन प्रमुख संस्करण जारी किए गए:
1. XHTML 1.0 (2000):
HTML 4.01 को XML के अनुरूप बनाया गया।
तीन डॉकटाइप:
Strict
Transitional
Frameset
2. XHTML 1.1 (2001):
अतिरिक्त मॉड्यूलर संरचना के साथ आया।
स्ट्रिक्ट डॉकटाइप अपनाया।
3. XHTML 2.0 (प्रस्तावित लेकिन रद्द):
इसे HTML5 के विकास के कारण रद्द कर दिया गया।
XHTML का महत्व और उपयोग
1. वेब विकास में सुधार:
डेवलपर्स को स्वच्छ और संरचित कोड लिखने के लिए प्रेरित किया।
2. मोबाइल डिवाइस संगतता:
XHTML ने मोबाइल ब्राउज़र के लिए वेब पेजों को अनुकूलित किया।
3. डाटा एक्सचेंज:
XML आधारित संरचना ने डेटा को विभिन्न प्लेटफार्मों के बीच ट्रांसफर करना आसान बना दिया।
XHTML की सीमाएं
1. सख्त नियम:
XHTML कोड लिखना कठिन हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो HTML के लचीलेपन के आदी हैं।
2. पिछड़े संगतता का अभाव:
पुराने ब्राउज़रों में XHTML पेज लोड करने में समस्याएं आ सकती थीं।
3. HTML5 का आगमन:
HTML5 के लचीलेपन और आधुनिक सुविधाओं के कारण XHTML का उपयोग धीरे-धीरे कम हो गया।
XHTML का वर्तमान और भविष्य
HTML5 के आगमन ने XHTML की प्रासंगिकता को कम कर दिया, लेकिन इसका प्रभाव अब भी वेब मानकों और विकास प्रक्रियाओं में देखा जाता है।
सख्त कोडिंग प्रथाओं और XML संगतता की आवश्यकता वाले प्रोजेक्ट्स में XHTML का उपयोग जारी है।
निष्कर्ष:
XHTML ने वेब विकास को अधिक संरचित और संगत बनाया। यह HTML और XML के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु साबित हुआ, जिसने वेब को आधुनिक तकनीकों और अनुप्रयोगों के लिए तैयार किया।
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HTML5 (2014)
BHTML5, HTML का आधुनिक और सबसे उन्नत संस्करण है, जिसे W3C (World Wide Web Consortium) और WHATWG (Web Hypertext Application Technology Working Group) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया। इसे आधिकारिक तौर पर 28 अक्टूबर 2014 को मानकीकृत किया गया।
HTML5 को वेब को अधिक इंटरएक्टिव, डायनामिक और मल्टीमीडिया-समर्थित बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पुराने HTML संस्करणों की कमियों को दूर करता है और आधुनिक वेब एप्लिकेशन की जरूरतों को पूरा करता है।
HTML5 की मुख्य विशेषताएं
1. मल्टीमीडिया समर्थन (Audio और Video):
HTML5 ने <audio> और <video> टैग्स पेश किए, जिससे प्लगइन्स (जैसे Flash) के बिना मल्टीमीडिया सामग्री को एम्बेड करना संभव हुआ।
2. ग्लोबल एट्रिब्यूट्स का विस्तार:
data-* एट्रिब्यूट्स का परिचय, जिससे कस्टम डेटा स्टोर किया जा सके।
contenteditable, spellcheck, और draggable जैसे नए एट्रिब्यूट्स जोड़े गए।
3. नए टैग्स:
सिमेंटिक टैग्स:
<header>, <footer>, <article>, <section>, <aside>, <nav> आदि ने वेब पेजों को अधिक संरचित और सर्च इंजन फ्रेंडली बनाया।
ग्राफिक्स और एनीमेशन:
<canvas> और <svg> टैग्स ने ब्राउज़र के भीतर ग्राफिक्स और एनीमेशन बनाने में सहायता की।
4. फॉर्म सुधार:
HTML5 ने फॉर्म इनपुट के लिए नए प्रकार जोड़े, जैसे:
email, tel, url, number, range, date, color, आदि।
इनपुट वेलिडेशन अब ब्राउज़र स्तर पर संभव हुआ।
5. वेब एप्लिकेशन का समर्थन:
Offline और Storage:
localStorage और sessionStorage का उपयोग ब्राउज़र में डेटा स्टोर करने के लिए किया गया।
Geolocation API:
उपयोगकर्ता के स्थान का पता लगाने के लिए।
WebSocket:
सर्वर और क्लाइंट के बीच रीयल-टाइम डेटा ट्रांसफर।
6. Responsive Design:
<meta> टैग के साथ viewport को नियंत्रित करने की सुविधा दी गई, जो मोबाइल और डेस्कटॉप के लिए वेबसाइट को अनुकूलित करता है।
7. प्रदर्शन और SEO में सुधार:
HTML5 में सिमेंटिक टैग्स और क्लीन कोडिंग प्रथाओं ने SEO को बेहतर बनाया।
<main> और अन्य सिमेंटिक टैग्स ने सर्च इंजन को कंटेंट समझने में मदद की।
8. क्रॉस-ब्राउज़र समर्थन:
HTML5 सभी आधुनिक ब्राउज़रों के साथ संगत है।
9. कैनवास और एसवीजी सपोर्ट:
<canvas> टैग का उपयोग करके ग्राफिक्स और एनीमेशन बनाना।
HTML5 में पेश किए गए कुछ नए टैग्स
1. सिमेंटिक टैग्स:
<header>, <footer>, <article>, <section>, <aside>, <nav>, <main>।
2. मल्टीमीडिया टैग्स:
<audio>, <video>।
3. ग्राफिक्स और एनीमेशन:
<canvas>, <svg>।
4. फॉर्म और इनपुट टैग्स:
<datalist>, <output>, <progress>, <meter>।
HTML5 के लाभ
1. प्लगइन की आवश्यकता समाप्त:
मल्टीमीडिया (जैसे ऑडियो और वीडियो) को प्लगइन के बिना सीधे HTML में एम्बेड किया जा सकता है।
2. ब्राउज़र संगतता:
HTML5 अधिकांश आधुनिक ब्राउज़रों (जैसे Chrome, Firefox, Safari, Edge) के साथ संगत है।
3. मोबाइल फ्रेंडली:
HTML5 ने रेस्पॉन्सिव वेब डिज़ाइन को आसान और प्रभावी बनाया।
4. बेहतर प्रदर्शन:
लाइटवेट और तेज लोडिंग समय।
5. इंटरएक्टिव वेब ऐप्स:
6. ब्राउज़र संगतता: सभी आधुनिक ब्राउज़र HTML5 को सपोर्ट करते हैं।
7. तेज़ प्रदर्शन: मल्टीमीडिया और इंटरएक्टिव कंटेंट लोडिंग तेज़ होती है।
8. क्रॉस-प्लेटफॉर्म सपोर्ट: एक ही कोड मोबाइल और डेस्कटॉप पर काम करता है।
9. बेहतर SEO: सेमांटिक टैग्स सर्च इंजन को बेहतर समझने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष:
HTML5 ने वेब डेवलपर्स को इंटरएक्टिव और रिच इंटरनेट एप्लिकेशन बनाने की सुविधा दी।
HTML5 ने वेब विकास को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने में क्रांतिकारी भूमिका निभाई है। इसके मल्टीमीडिया, इंटरएक्टिविटी, और रेस्पॉन्सिव डिज़ाइन फीचर्स इसे किसी भी वेब एप्लिकेशन के लिए पहली पसंद बनाते हैं।
1. सभी ब्राउज़रों द्वारा कुछ सुविधाओं का समर्थन समान रूप से नहीं किया जाता।
2. HTML5 आधारित ग्राफिक्स और एनिमेशन जटिल हो सकते हैं
3. बड़ी मात्रा में जावास्क्रिप्ट और CSS के ज्ञान की आवश्यकता।
HTML5 का महत्व
HTML5 ने वेब को पारंपरिक वेब पेजों से आधुनिक वेब एप्लिकेशन में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह वेब विकास की दिशा में एक बड़ा कदम था और आज की अधिकांश वेबसाइटें HTML5 पर आधारित हैं।
HTML5 के साथ, वेब अधिक इंटरएक्टिव, मल्टीमीडिया-समर्थित और उपयोगकर्ता-अनुकूल बन गया।
HTML5 का उपयोग
HTML5 आधुनिक वेब विकास के लिए एक मानक है। यह HTML का सबसे उन्नत संस्करण है, जिसमें मल्टीमीडिया, इंटरएक्टिविटी, और बेहतर प्रदर्शन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। HTML5 को विशेष रूप से आधुनिक वेब एप्लिकेशन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है।
HTML5 के उपयोग के मुख्य क्षेत्र
1. मल्टीमीडिया सपोर्ट (ऑडियो और वीडियो)
HTML5 ने ऑडियो और वीडियो फ़ाइलों को सीधे वेब पेज पर एम्बेड करना आसान बना दिया।
नए टैग्स:
<audio>: ऑडियो फाइल्स प्ले करने के लिए।
<video>: वीडियो फाइल्स प्ले करने के लिए।
उपयोग:
ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग (जैसे YouTube)।
ऑडियो पॉडकास्ट और म्यूजिक प्लेयर।
2. सेमांटिक टैग्स
HTML5 में नए सेमांटिक टैग्स शामिल हैं जो वेब पेज की संरचना और अर्थ को बेहतर बनाते हैं।
नए टैग्स:
<header>, <footer>, <article>, <section>, <nav>, <aside>।
उपयोग:
वेब पेज की संरचना को व्यवस्थित और स्पष्ट बनाना।
SEO (Search Engine Optimization) में सुधार।
3. फॉर्म्स और इनपुट नियंत्रण
HTML5 ने फॉर्म्स को अधिक इंटरएक्टिव और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए नए एट्रिब्यूट और इनपुट प्रकार जोड़े।
नए इनपुट प्रकार:
<input type=”email”>, <input type=”date”>, <input type=”color”>, <input type=”range”>।
उपयोग:
बेहतर यूजर फॉर्म वैलिडेशन।
फॉर्म सबमिशन को अधिक सुरक्षित और इंटरएक्टिव बनाना।
4. ग्राफिक्स और गेम डेवलपमेंट
HTML5 ने वेब ब्राउज़र में ग्राफिक्स और एनिमेशन के लिए सुविधाएं जोड़ीं।
नए फीचर्स:
<canvas>: 2D ग्राफिक्स और ड्रॉइंग के लिए।
SVG (Scalable Vector Graphics): वेक्टर आधारित ग्राफिक्स।
उपयोग:
ब्राउज़र-आधारित गेम डेवलपमेंट।
डाटा विज़ुअलाइज़ेशन टूल्स और चार्ट।
5. ऑफलाइन वेब एप्लिकेशन
HTML5 में एप्लिकेशन को ऑफलाइन इस्तेमाल करने के लिए सुविधाएं जोड़ी गई हैं।
नई टेक्नोलॉजी:
Application Cache: वेब पेज को ऑफलाइन एक्सेस करना।
IndexedDB और LocalStorage: डेटा को लोकल ब्राउज़र पर स्टोर करना।
उपयोग:
ऑफलाइन नोट्स एप्लिकेशन।
बिना इंटरनेट के ई-कॉमर्स शॉपिंग कार्ट।
6. मोबाइल फ्रेंडली डिज़ाइन
HTML5 को विशेष रूप से मोबाइल डिवाइसों के लिए अनुकूलित किया गया है।
फीचर्स:
Responsive Design (CSS के साथ)।
टच इवेंट्स और लोकेशन API।
उपयोग:
मोबाइल एप्लिकेशन और वेब पेज।
लोकेशन आधारित सेवाएं (जैसे Google Maps)।
7. एनीमेशन और इंटरएक्टिविटी
HTML5 CSS और JavaScript के साथ मिलकर एनीमेशन और इंटरएक्टिव कंटेंट को आसानी से बनाने की अनुमति देता है।
उपयोग:
एनिमेटेड वेब बैनर।
इंटरएक्टिव प्रेजेंटेशन।
8. वेबSockets और रियल-टाइम कम्युनिकेशन
HTML5 में WebSockets API को जोड़ा गया है, जो रियल-टाइम डेटा ट्रांसफर की अनुमति देता है।
उपयोग:
चैट एप्लिकेशन।
रियल-टाइम गेम्स।
9. वेब पेज डिजाइन:
HTML का उपयोग वेब पेज बनाने और सामग्री को व्यवस्थित करने के लिए किया जाता है।
10. फ्रंट-एंड डेवलपमेंट:
यह CSS और JavaScript के साथ मिलकर आकर्षक और इंटरएक्टिव यूजर इंटरफेस बनाने में मदद करता है।
11. ईमेल टेम्पलेट्स:
HTML का उपयोग पेशेवर और कस्टमाइज्ड ईमेल डिज़ाइन के लिए किया जाता है।
12. वेब फॉर्म्स:
उपयोगकर्ता से डेटा प्राप्त करने के लिए HTML फॉर्म्स का उपयोग किया जाता है।
HTML के बिना, आधुनिक वेब का विकास संभव नहीं होता।
यह आज के डिजिटल युग में एक बुनियादी भाषा है, जिसे सीखना हर वेब डेवलपर के लिए आवश्यक है।
HTML5 का उपयोग: उद्योग और प्रौद्योगिकियां
1. ई-कॉमर्स वेबसाइट्स
HTML5 फॉर्म्स और सेमांटिक टैग्स ई-कॉमर्स साइट्स के डिज़ाइन और कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं।
2. शिक्षा और ई-लर्निंग
<audio> और <video> टैग का उपयोग करके इंटरएक्टिव ट्यूटोरियल और कोर्स तैयार किए जाते हैं।
3. एंटरटेनमेंट और मीडिया स्ट्रीमिंग
वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म (जैसे Netflix) HTML5 का उपयोग करते हैं।
4. गेमिंग इंडस्ट्री
<canvas> और WebGL का उपयोग करके ब्राउज़र-आधारित गेम बनाए जाते हैं।
5. मोबाइल और वेब एप्लिकेशन
PWA (Progressive Web Apps) HTML5 पर आधारित हैं।
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HTML का इतिहास का सारांश
HTML (HyperText Markup Language) का विकास वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) की शुरुआत से जुड़ा हुआ है। HTML का आविष्कार 1989 में टिम बर्नर्स-ली द्वारा किया गया था। इसके विकास ने न केवल वेब को आकार दिया बल्कि डिजिटल युग की नींव भी रखी। HTML का इतिहास समझने के लिए इसे विभिन्न चरणों में विभाजित किया जा सकता है:
1. HTML का आविष्कार और प्रारंभिक चरण (1989-1991):
आविष्कारक:
टिम बर्नर्स-ली, जो CERN (European Organization for Nuclear Research) में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत थे, ने HTML को वर्ल्ड वाइड वेब का हिस्सा बनाने के लिए डिज़ाइन किया। उनका उद्देश्य शोधकर्ताओं के बीच डेटा को साझा करने और हाइपरलिंक के माध्यम से एक दस्तावेज़ से दूसरे दस्तावेज़ तक पहुंचने का आसान तरीका प्रदान करना था।
मुख्य घटक:
HTML (HyperText Markup Language): वेब पेज बनाने के लिए।
HTTP (HyperText Transfer Protocol): ब्राउज़र और सर्वर के बीच डेटा ट्रांसफर के लिए।
वेब ब्राउज़र: जानकारी को रेंडर और प्रदर्शित करने के लिए।
HTML का पहला संस्करण (1991):
यह एक सिंपल टेक्स्ट फॉर्मेट था।
इसमें केवल 18 टैग्स थे जैसे <html>, <head>, <body>, <p>, <a>, <img>, आदि।
1991 में एचटीएमएल के जरिए इन 18 शामिल किए गए टैग का विवरण
1991 में टिम बर्नर्स-ली द्वारा बनाए गए HTML के पहले संस्करण में केवल 18 टैग शामिल थे। ये टैग वेब पेज की संरचना और बुनियादी कार्यों को परिभाषित करने के लिए डिज़ाइन किए गए थे। ये टैग निम्नलिखित हैं:
HTML के 18 मूल टैग (1991):
1. <html>
यह टैग HTML दस्तावेज़ की शुरुआत और अंत को दर्शाता है।
2. <head>
यह टैग मेटाडेटा को परिभाषित करता है, जैसे टाइटल और लिंक।
3. <title>
वेब पेज का शीर्षक (ब्राउज़र टैब में दिखाई देने वाला) निर्दिष्ट करता है।
4. <body>
मुख्य सामग्री (टेक्स्ट, इमेज, लिंक आदि) को परिभाषित करता है।
5. <h1> से <h6>
हेडिंग टैग्स, <h1> सबसे बड़ा और <h6> सबसे छोटा।
6. <p>
पैराग्राफ को परिभाषित करता है।
7. <a>
हाइपरलिंक बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
8. <br>
लाइन ब्रेक डालने के लिए उपयोग किया जाता है।
9. <hr>
क्षैतिज रेखा (डिवाइडर) डालने के लिए।
10. <ul>
अनऑर्डर्ड (बुलेट पॉइंट) सूची बनाने के लिए।
11. <ol>
ऑर्डर्ड (क्रमांकित) सूची बनाने के लिए।
12. <li>
सूची के प्रत्येक आइटम को परिभाषित करता है।
13. <img>
छवि (इमेज) जोड़ने के लिए।
14. <strong>
टेक्स्ट को बोल्ड दिखाने के लिए।
15. <em>
टेक्स्ट को इटैलिक दिखाने के लिए।
16. <pre>
प्रीफॉर्मेटेड टेक्स्ट (स्पेस और लाइन ब्रेक्स को सुरक्षित रखते हुए)।
17. <code>
कंप्यूटर कोड को प्रदर्शित करने के लिए।
18. <blockquote>
टेक्स्ट को किसी दूसरे स्रोत से उद्धृत करने के लिए।
इन टैग्स का महत्व:
ये सभी टैग बुनियादी वेब पेज बनाने के लिए पर्याप्त थे।
समय के साथ, नए टैग और फीचर्स जोड़े गए, लेकिन इन 18 टैग्स ने HTML की नींव रखी।
टिम बर्नर्स-ली के इन प्रयासों ने वेब को सुलभ, सरल और उपयोगी बनाया, जो आज के इंटरनेट का आधार है।
6 अगस्त 1991 को, टिम बर्नर्स-ली ने पहला वेबपेज जारी किया।
2. HTML 2.0 (1995):
IETF (Internet Engineering Task Force) ने HTML के पहले मानकीकृत संस्करण को प्रकाशित किया।
HTML 2.0 ने HTML 1.0 में सुधार किया और इसे स्थिर और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया।
मुख्य विशेषताएं:
फॉर्म सपोर्ट (जैसे <form>, <input> टैग)
बेसिक संरचना और हाइपरलिंकिंग।
यह ब्राउज़र संगतता के लिए डिज़ाइन किया गया था।
3. HTML 3.2 (1997):
W3C (World Wide Web Consortium) ने HTML के विकास का कार्यभार संभाला।
HTML 3.0 को अधिक जटिल और कार्यक्षम बनाने की कोशिश की गई, लेकिन ब्राउज़र निर्माताओं की सीमाओं के कारण इसे व्यापक रूप से अपनाया नहीं जा सका।
HTML 3.2 में यह सुधार हुआ:
टेबल्स: डेटा को व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत करने के लिए।
सक्रिय सामग्री: JavaScript जैसी स्क्रिप्टिंग भाषा का समर्थन।
स्टाइल: बेसिक CSS (Cascading Style Sheets) का समर्थन।
4. HTML 4.0 और 4.01 (1997-1999):
HTML 4.0 (1997):
HTML का यह संस्करण इंटरनेशनलाइजेशन (बहुभाषी वेबपेज), मल्टीमीडिया, और एक्सेसिबिलिटी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया।
कैरेक्टर सेट का विस्तार (UTF-8)।
जावास्क्रिप्ट और CSS का गहरा एकीकरण।
वेब पेज डिजाइन के लिए <div> और <span> टैग।
मल्टीमीडिया एम्बेडिंग के लिए <object> टैग।
HTML 4.01 (1999):
यह HTML 4.0 का संशोधित संस्करण था, जिसमें कुछ बग फिक्स और क्लीनर कोडिंग प्रैक्टिस शामिल थीं।
5. XHTML (2000):
XHTML (Extensible HTML):
W3C ने HTML और XML (Extensible Markup Language) के संयोजन से XHTML को पेश किया।
यह HTML का अधिक सख्त और अनुशासित संस्करण था।
मुख्य सुधार:
टैग्स को लोअरकेस में लिखना अनिवार्य।
टैग्स को सही तरीके से बंद करना।
ब्राउज़र और डिवाइस संगतता में सुधार।
हालांकि, इसकी जटिलता के कारण इसे व्यापक रूप से अपनाया नहीं गया।
6. HTML5 (2008-वर्तमान):
HTML5 का विकास:
2008 में W3C और WHATWG (Web Hypertext Application Technology Working Group) ने HTML5 के विकास की शुरुआत की।
इसका उद्देश्य आधुनिक वेब एप्लिकेशन की जरूरतों को पूरा करना और HTML4 की सीमाओं को दूर करना था।
स्थिर संस्करण (2014):
HTML5 को आधिकारिक तौर पर एक मानक के रूप में स्वीकार किया गया।
मुख्य विशेषताएं:
मल्टीमीडिया: ऑडियो (<audio>) और वीडियो (<video>) टैग।
ग्राफिक्स और इंटरैक्टिविटी: <canvas> और SVG (Scalable Vector Graphics)।
फॉर्म और इनपुट: नए इनपुट प्रकार (जैसे ईमेल, डेट)।
सेमांटिक टैग्स: <header>, <footer>, <article>, <section> आदि।
मोबाइल डिवाइस सपोर्ट।
बेहतर प्रदर्शन और ऑफलाइन कार्यक्षमता।
HTML का महत्व और भविष्य:
HTML का विकास केवल तकनीकी सुधार नहीं है; यह इंटरनेट के विकास का हिस्सा है।
महत्व:
इंटरनेट पर जानकारी का आदान-प्रदान।
वेब एप्लिकेशन और इंटरफेस का निर्माण।
मल्टीमीडिया और इंटरएक्टिविटी के लिए आधार।
भविष्य:
HTML5+ और उससे आगे के संस्करण, जिनमें AI, VR, और AR का समर्थन बढ़ सकता है।
HTML की विकास यात्रा का सारांश:
HTML की शुरुआत 18 टैग्स से हुई और यह आज एक जटिल, शक्तिशाली और अनिवार्य वेब टूल बन गया है। यह वेब डेवलपर्स के लिए एक आधारशिला है और हर नए वेब अनुभव का केंद्र है।